एक युवा एशियाई जादूगरनी उत्सुकता से एक अनुभवी सज्जन के पर्याप्त सदस्य को खा जाती है, कुशलता से उसे अपनी फुर्तीली उंगलियों और उत्सुक मौखिक कौशल से प्रसन्न करती है। फिर वह उस पर चढ़ती है, उसका पिछवाड़ा उसके परिधि से फैला हुआ है, सब कुछ उसके परिप्रेक्ष्य से कैद होता है।